Two line shayari in hindi 2021 मंजिल कितनी भी दूर हो कभी हिम
मंजिल कितनी भी दूर हो कभी
हिम्मतहारिये, क्योकि पहाड़ो se
निकलने वाली नदी किसी से समुद्र
का रास्ता नही पूछती।
इन्सान धीरज रख सकता वह अपनी
इच्छानुसार, सब कुछ पा सकता “जहाँ
प्रयत्नों की ऊंचाई” अधिक होती है,वहां पर
नसीब को भी झुकता पड़ता है।
चाहने से हर चीज़ अपनी नहीं होती,
हर मुस्कुराहट ख़ुशी नहीं होती
अरमान तो बहोत होते हैं मगर,
कभी वक़्त तो कभी किस्मत अच्छी नहीं
होती…
Two line shayari in hindi 2021 मंजिल कितनी भी दूर हो कभी हिम
किसी को परेशान देखकर अगर आपको तकलीफ
होती है to यकीन मानिए “ईश्वर ने”
आपको इंसान बनाकर कोई गलती नहीं की he
पतझड़ हुए बिना पेड़ों पर नए पत्ते नहीं आते,
कठिनाई और संघर्ष सहे बिना अच्छे दिन नहीं आते।
महत्व इंसान का नहीं
उसके अच्छे स्वभाव का होता hai
कोई एक पल में दिल जीत लेता he
कोई जिंदगी भर साथ रहकर भी
नहीं जीत पाता..
Two line shayari in hindi 2021 मंजिल कितनी भी दूर हो कभी हिम
हमेशा जोडने की कोशिश कीजिए, तोडने की नहीं।
संसार me सूई बनकर रहिए, कैंची बनकर नहीं,
सूई 2 ko 1 कर देती है और कैंची 1 ko 2 कर
देती हai । सच्ची बातें
धूप का तो नाम केवल बदनाम है जनाब,
जलते तो लोग सब एक- दूसरे se हैं!
Two line shayari in hindi 2021 मंजिल कितनी भी दूर हो कभी हिम
आपको यह जानकर अच्छा लगेगा अगर
आप केवल अपने अंदर एक आदत ko बदल
लेते hain उदाहरण के तौर पर अगर आप केवल
एक्सरसाइज करना शुरू कर दे तो आपके अंदर
दूसरी अच्छी आदतें खुद उत्पन्न होने लगेंगे।
घमंडन करना जिन्दगीमे तकदीर बदलती रहती है..!!
शीशावही रहता है बस तस्वीर बदलती रहती है…
दुसरोको सुनाने के लिए अपनी “आवाज” ऊँचीमत करो,बल्कि अपना “व्यक्तित्व”इतनाऊँचा बनाओ कि
आपको सुनने के लिए” “लोग”इंतज़ार करे।
Beautiful life
किसी को ज्ञान उतना ही दो जितना वो समझ
Baahu क्योंकि बाल्टी भरने के बाद यदि नल बन्द न करो
तो पानी व्यर्थ हो जाता hai।
Two line shayari in hindi 2021 मंजिल कितनी भी दूर हो कभी हिम
एक पत्थर लीजिए और उस पत्थर से किसी जानवर कुत्ते या
बिल्ली को मारिये, आप देखेंगे कि वह जानवर डर कर भाग
जाएगा। अब आप वही पत्थर फिर
लीजिए और एक मधुमक्खि के छत्ते पर मारिये। और देखिये
मधुमक्खियां आपका कैसे स्वागत करती है।
पत्थर वही hey मारने वाले भी आप ही है जानवर भाग
गया क्योंकि वह अकेला था और मधुमक्खियां हावी
गई क्योंकि वो समूह में थी। हमारी सामाजिक ताकत
सिर्फ एकता में ही। यदि संभव हो, to समूह mai रहिए
संयुक्त रहिए संगठित रहिए।एक दूसरे के हित me
सहभागी बनिये।…..